पितर चालीसा
जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी। शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी।। आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवनहारे। मैं मूरख हूँ कछु नहिं जाणूं, आप ही हो रखवारे।। जय।। आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी। हम सब जन हैं शरण आपकी, है ये …