Vishnu Mantra in English

Vishnu Mantra in English Lyrics

Shaanta-Aakaaram Bhujaga-Shayanam Padma-Naabham Sura-Iisham|
Vishva-Aadhaaram Gagana-Sadrsham Megha-Varnna Shubha-Anggam||
Lakssmii-Kaantam Kamala-Nayanam Yogibhir-Dhyaana-Gamyam|
Vande Vissnnum Bhava-Bhaya-Haram Sarva-Loka-Eka-Naatham ||

Vishnu Mool Mantra in English Lyrics

OM Namo Narayanaya|

Om Namo Bhagavate Vasudevaya ||

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Vishnu Aarti

Vishnu Aarti in Hindi/Sanskrit Lyrics

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का ।

स्वामी दुःख विनसे मन का ।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी ।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।

स्वामी तुम अन्तर्यामी ।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता ।

स्वामी तुम पालन-कर्ता ।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति ।

स्वामी सबके प्राणपति ।

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे ।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे ।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा ।

स्वमी पाप हरो देवा ।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे ।

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

How to chant Vishnu Aarti

Benefits of Vishnu Aarti

Vishnu Aarti in Tamil/Telgu/Gujrati/Marathi/English

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Vishnu Aarti in English

Vishnu Aarti in English Lyrics

Om Jai Jagadiish Hare
Swaami Jai Jagadiish Hare |
Bhakta Jano Ke Sankatt,
Daas Janon Ke Sankatt,
Kssann Me Duur Kare |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Jo Dhyaave Phal Paave,

Duhkh-Bin Se Man Kaa,
Swaami Duhkh-Bin Se Man Kaa |
Sukh Sampati Ghar Aave,
Sukh Sampati Ghara Aave,
Kasstta Mitte Tan Kaa |
Om Jai Jagadiisha Hare ||

Maat Pitaa Tum Mere,
Sharann Gahuu Kiskii,
Swaami Sharann Gahuu Maim Kiskii |
Tum Bin Aur Na Duujaa,
Tum Bin Aur Na Duujaa,
Aas Karuu Mai Jiskii |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Tum Puurann Paramaatmaa,
Tum Antarayaamii,
Swaami Tum Antarayaamii |
Paarabrahma Parameshwar,
Paarabrahma Parameshwar,
Tum Sab Ke Swaami |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Tum Karunnaa Ke Saagar,
Tum Paalan-Kartaa,
Swami Tum Paalan-Kartaa |
Mai Muurakh Phala-Kaamii
Mai Sevak Tum Swami,
Krpaa Karo Bhartaa |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Tum Ho Ek Agocar,
Sabke Praann-Pati,
Swami Sabake Praann-Pati |
Kis Vidh Miluu Dayaamay,
Kisa Vidh Miluu Dayaamay,
Tumko Mai Kumati |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Diina-Bandhu Dukh-Hartaa,
Thaakur Tuma Mere,
Swami Rakssak Tum Mere |
Apne Haath Utthaao,
Apne Sharann Lagaao
Dwaar Paddaa Tere |
Om Jai Jagadiish Hare ||

Vissay-Vikaar Mittaao,
Paap Haro Devaa,
Swami Paap Haro Devaa |
Shraddhaa Bhakti Baddhaaao,
Shraddhaa Bhakti Baddhaaao,
Santan Kii Sevaa |
Om Jai Jagadiish Hare ||

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विष्णु आरती

विष्णु आरती इन हिंदी लिरिक्स

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का ।

स्वामी दुःख विनसे मन का ।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी ।

स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।

तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।

स्वामी तुम अन्तर्यामी ।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता ।

स्वामी तुम पालन-कर्ता ।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति ।

स्वामी सबके प्राणपति ।

किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे ।

स्वामी तुम ठाकुर मेरे ।

अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा ।

स्वमी पाप हरो देवा ।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे ।

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे ॥

ॐ जय जगदीश हरे ।

विष्णु आरती का पाठ

विष्णु आरती के लाभ

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विष्णु गायत्री मंत्र

विष्णु गायत्री मंत्र इन हिंदी लिरिक्स

ओम् श्रीविष्णवे च विद्मिहे वासुदेवाय धीमहि |

तन्नो: विष्णोः प्रचोदयात ||1||

ओम् त्रैलोक्यमोहनाय विद्मिहे आत्मारामाय धीमहि |

तन्नो: विष्णुं प्रचोदयात ||2||

ओम् नारायणाय च विद्मिहे वासुदेवाय धीमहि |

तन्नो: विष्णोः प्रचोदयात ||3||

विष्णु गायत्री मंत्र का पाठ

विष्णु गायत्री मंत्र के लाभ

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Vishnu Gayatri Mantra

Vishnu Gayatri Mantra in Hindi/Sanskrit Lyrics

ओम् श्रीविष्णवे च विद्मिहे वासुदेवाय धीमहि |

तन्नो: विष्णोः प्रचोदयात ||1||

ओम् त्रैलोक्यमोहनाय विद्मिहे आत्मारामाय धीमहि |

तन्नो: विष्णुं प्रचोदयात ||2||

ओम् नारायणाय च विद्मिहे वासुदेवाय धीमहि |

तन्नो: विष्णोः प्रचोदयात ||3||

Vishnu Gayatri Mantra in English Lyrics

Ohm Shri Vishnave Cha Vidmahe Vasudevay Dhimahi |

Tanno: Vishno: Prachodayat ||1||

Ohm Trailokya Mohanay Vidmahe Aatmaramay Dhimahi |

Tanno: Vishnum: Prachodayat ||2||

Ohm Narayanay Cha Vidmahe Vasudevay Dhimahi |

Tanno: Vishno: Prachodayat ||3||

Benefits of Vishnu Gayatri Mantra

Vishnu Gayatri Mantra in Tamil/Telgu/Gujrati/Marathi/English

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Vishnu Suktam

Vishnu Suktam in Hindi/Sanskrit Lyrics

ॐ विष्णो॒र्नुकं॑ वी॒र्या॑णि॒ प्रवो॑चं॒ यः पार्थि॑वानि विम॒मे राजाग्ं॑सि॒ यो अस्क॑भाय॒दुत्त॑रग्ं स॒धस्थं॑ विचक्रमा॒णस्त्रे॒धोरु॑गा॒यो विष्णो॑र॒राट॑मसि॒ विष्णो॓ः पृ॒ष्ठम॑सि॒ विष्णोः॒ श्नप्त्रे॓स्थो॒ विष्णो॒स्स्यूर॑सि॒ विष्णो॓र्ध्रु॒वम॑सि वैष्ण॒वम॑सि॒ विष्ण॑वे त्वा ॥

तद॑स्य प्रि॒यम॒भिपाथो॑ अश्याम् । नरो यत्र॑ देव॒यवो॒ मद॑न्ति । उ॒रु॒क्र॒मस्य॒ स हि बन्धु॑रि॒त्था । विष्णो॓ प॒दे प॑र॒मे मध्व॒ उथ्सः॑ । प्रतद्विष्णु॑स्स्तवते वी॒र्या॑य । मृ॒गो न भी॒मः कु॑च॒रो गि॑रि॒ष्ठाः । यस्यो॒रुषु॑ त्रि॒षु वि॒क्रम॑णेषु । अधि॑क्ष॒यन्ति॒ भुव॑नानि॒ विश्वा॓ । प॒रो मात्र॑या त॒नुवा॑ वृधान । न ते॑ महि॒त्वमन्व॑श्नुवन्ति ॥

उ॒भे ते॑ विद्मा॒ रज॑सी पृथि॒व्या विष्णो॑ देव॒त्वम् । प॒र॒मस्य॑ विथ्से । विच॑क्रमे पृथि॒वीमे॒ष ए॒ताम् । क्षेत्रा॑य॒ विष्णु॒र्मनु॑षे दश॒स्यन् । ध्रु॒वासो॑ अस्य की॒रयो॒ जना॑सः । ऊ॒रु॒क्षि॒तिग्ं सु॒जनि॑माचकार । त्रिर्दे॒वः पृ॑थि॒वीमे॒ष ए॒ताम् । विच॑क्रमे श॒तर्च॑सं महि॒त्वा । प्रविष्णु॑रस्तु त॒वस॒स्तवी॑यान् । त्वे॒षग्ग् ह्य॑स्य॒ स्थवि॑रस्य॒ नाम॑ ॥

अतो॑ दे॒वा अ॑वन्तु नो॒ यतो॒ विष्णु॑र्विचक्र॒मे । पृ॒थि॒व्याः स॒प्तधाम॑भिः । इ॒दं विष्णु॒र्विच॑क्र॒मे त्रे॒धा निद॑धे प॒दम् । समू॑ढमस्य पाग्ं सु॒रे ॥ त्रीणि॑ प॒दा विच॑क्रमे॒ विष्णु॑र्गो॒पा अदा॓भ्यः । ततो॒ धर्मा॑णि धा॒रयन्॑ । विष्णोः॒ कर्मा॑णि पश्यत॒ यतो॓ व्र॒तानि॑ पस्पृ॒शे । इन्द्र॑स्य॒ युज्यः॒ सखा॓ ॥

तद्विष्णो॓ः पर॒मं प॒दग्ं सदा॑ पश्यन्ति सू॒रयः॑ । दि॒वीव॒ चक्षु॒रात॑तम् । तद्विप्रा॑सो विप॒न्यवो॑ जागृ॒वाग्ं स॒स्समि॑न्धते । विष्णो॒र्यत्प॑र॒मं प॒दम् । पर्या॓प्त्या॒ अन॑न्तरायाय॒ सर्व॑स्तोमो‌உति रा॒त्र उ॑त्त॒म मह॑र्भवति सर्व॒स्याप्त्यै॒ सर्व॑स्य॒ जित्त्यै॒ सर्व॑मे॒व तेना॓प्नोति॒ सर्वं॑ जयति ॥

ॐ शान्तिः॒ शान्तिः॒ शान्तिः॑ ॥

How to chant Vishnu Suktam

Benefits of Vishnu Suktam

Vishnu Suktam in Tamil/Telgu/Gujrati/Marathi/English

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विष्णु सुक्त

विष्णु सुक्त का पाठ इन हिंदी लिरिक्स

ॐ विष्णो॒र्नुकं॑ वी॒र्या॑णि॒ प्रवो॑चं॒ यः पार्थि॑वानि विम॒मे राजाग्ं॑सि॒ यो अस्क॑भाय॒दुत्त॑रग्ं स॒धस्थं॑ विचक्रमा॒णस्त्रे॒धोरु॑गा॒यो विष्णो॑र॒राट॑मसि॒ विष्णो॓ः पृ॒ष्ठम॑सि॒ विष्णोः॒ श्नप्त्रे॓स्थो॒ विष्णो॒स्स्यूर॑सि॒ विष्णो॓र्ध्रु॒वम॑सि वैष्ण॒वम॑सि॒ विष्ण॑वे त्वा ॥

तद॑स्य प्रि॒यम॒भिपाथो॑ अश्याम् । नरो यत्र॑ देव॒यवो॒ मद॑न्ति । उ॒रु॒क्र॒मस्य॒ स हि बन्धु॑रि॒त्था । विष्णो॓ प॒दे प॑र॒मे मध्व॒ उथ्सः॑ । प्रतद्विष्णु॑स्स्तवते वी॒र्या॑य । मृ॒गो न भी॒मः कु॑च॒रो गि॑रि॒ष्ठाः । यस्यो॒रुषु॑ त्रि॒षु वि॒क्रम॑णेषु । अधि॑क्ष॒यन्ति॒ भुव॑नानि॒ विश्वा॓ । प॒रो मात्र॑या त॒नुवा॑ वृधान । न ते॑ महि॒त्वमन्व॑श्नुवन्ति ॥

उ॒भे ते॑ विद्मा॒ रज॑सी पृथि॒व्या विष्णो॑ देव॒त्वम् । प॒र॒मस्य॑ विथ्से । विच॑क्रमे पृथि॒वीमे॒ष ए॒ताम् । क्षेत्रा॑य॒ विष्णु॒र्मनु॑षे दश॒स्यन् । ध्रु॒वासो॑ अस्य की॒रयो॒ जना॑सः । ऊ॒रु॒क्षि॒तिग्ं सु॒जनि॑माचकार । त्रिर्दे॒वः पृ॑थि॒वीमे॒ष ए॒ताम् । विच॑क्रमे श॒तर्च॑सं महि॒त्वा । प्रविष्णु॑रस्तु त॒वस॒स्तवी॑यान् । त्वे॒षग्ग् ह्य॑स्य॒ स्थवि॑रस्य॒ नाम॑ ॥

अतो॑ दे॒वा अ॑वन्तु नो॒ यतो॒ विष्णु॑र्विचक्र॒मे । पृ॒थि॒व्याः स॒प्तधाम॑भिः । इ॒दं विष्णु॒र्विच॑क्र॒मे त्रे॒धा निद॑धे प॒दम् । समू॑ढमस्य पाग्ं सु॒रे ॥ त्रीणि॑ प॒दा विच॑क्रमे॒ विष्णु॑र्गो॒पा अदा॓भ्यः । ततो॒ धर्मा॑णि धा॒रयन्॑ । विष्णोः॒ कर्मा॑णि पश्यत॒ यतो॓ व्र॒तानि॑ पस्पृ॒शे । इन्द्र॑स्य॒ युज्यः॒ सखा॓ ॥

तद्विष्णो॓ः पर॒मं प॒दग्ं सदा॑ पश्यन्ति सू॒रयः॑ । दि॒वीव॒ चक्षु॒रात॑तम् । तद्विप्रा॑सो विप॒न्यवो॑ जागृ॒वाग्ं स॒स्समि॑न्धते । विष्णो॒र्यत्प॑र॒मं प॒दम् । पर्या॓प्त्या॒ अन॑न्तरायाय॒ सर्व॑स्तोमो‌உति रा॒त्र उ॑त्त॒म मह॑र्भवति सर्व॒स्याप्त्यै॒ सर्व॑स्य॒ जित्त्यै॒ सर्व॑मे॒व तेना॓प्नोति॒ सर्वं॑ जयति ॥

ॐ शान्तिः॒ शान्तिः॒ शान्तिः॑ ॥

विष्णु सुक्त का पाठ

विष्णु सुक्त पाठ के लाभ

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विष्णु षट्पदी

विष्णु षट्पदी का पाठ इन हिंदी लिरिक्स

अविनयमपनय विष्णो दमय मनः शमय विषयमृगतृष्णाम् ।
भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरतः ॥ 1 ॥

दिव्यधुनीमकरन्दे परिमलपरिभोगसच्चिदानन्दे ।
श्रीपतिपदारविन्दे भवभयखेदच्छिदे वन्दे ॥ 2 ॥

सत्यपि भेदापगमे नाथ तवा‌உहं न मामकीनस्त्वम् ।
सामुद्रो हि तरङ्गः क्वचन समुद्रो न तारङ्गः ॥ 3 ॥

उद्धृतनग नगभिदनुज दनुजकुलामित्र मित्रशशिदृष्टे ।
दृष्टे भवति प्रभवति न भवति किं भवतिरस्कारः ॥ 4 ॥

मत्स्यादिभिरवतारैरवतारवता‌உवता सदा वसुधाम् ।
परमेश्वर परिपाल्यो भवता भवतापभीतो‌உहम् ॥ 5 ॥

दामोदर गुणमन्दिर सुन्दरवदनारविन्द गोविन्द ।
भवजलधिमथनमन्दर परमं दरमपनय त्वं मे ॥ 6 ॥

नारायण करुणामय शरणं करवाणि तावकौ चरणौ ।
इति षट्पदी मदीये वदनसरोजे सदा वसतु ॥

विष्णु षट्पदी का पाठ

विष्णु षट्पदी के लाभ

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Vishnu Shatpadi

Vishnu Shatpadi in Hindi/Sanskrit Lyrics

अविनयमपनय विष्णो दमय मनः शमय विषयमृगतृष्णाम् ।
भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरतः ॥ 1 ॥

दिव्यधुनीमकरन्दे परिमलपरिभोगसच्चिदानन्दे ।
श्रीपतिपदारविन्दे भवभयखेदच्छिदे वन्दे ॥ 2 ॥

सत्यपि भेदापगमे नाथ तवा‌உहं न मामकीनस्त्वम् ।
सामुद्रो हि तरङ्गः क्वचन समुद्रो न तारङ्गः ॥ 3 ॥

उद्धृतनग नगभिदनुज दनुजकुलामित्र मित्रशशिदृष्टे ।
दृष्टे भवति प्रभवति न भवति किं भवतिरस्कारः ॥ 4 ॥

मत्स्यादिभिरवतारैरवतारवता‌உवता सदा वसुधाम् ।
परमेश्वर परिपाल्यो भवता भवतापभीतो‌உहम् ॥ 5 ॥

दामोदर गुणमन्दिर सुन्दरवदनारविन्द गोविन्द ।
भवजलधिमथनमन्दर परमं दरमपनय त्वं मे ॥ 6 ॥

नारायण करुणामय शरणं करवाणि तावकौ चरणौ ।
इति षट्पदी मदीये वदनसरोजे सदा वसतु ॥

How to chant Vishnu Shatpadi

Benefits of Vishnu Shatpadi

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